हिंसा और वीभत्सता से ओत-प्रोत आधुनिक पौराणिक उपन्यास

  (लेखिका परिचय- अमिता चतुर्वेदी ने हिन्दी साहित्य में एम. फिल. की उपाधि प्राप्त की है। यह लेख मूलत: उनके ब्लॉग ‘अपना परिचय ‘ पर

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नाट्य अभिव्यक्ति को नए आयाम देती रंगलोक की साहसिक प्रस्तुति- ‘कोर्ट मार्शल’

कला के क्षेत्र में एक शब्द जिसका अकसर प्रयोग किया जाता है, वह है पैथोस। कलात्मक अभिव्यक्तियों के लिए इस

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परशुराम का ज़िक्र- ज्योतिबा फूले से बहुजन समाज पार्टी तक

प्रस्तावना: परशुराम जयन्ती क़े आगरा शहर में ज़ोर-शोर से मनाए जाने से, उत्तर प्रदेश की मुख्य पार्टियों में से एक, बहुजन

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मुज़फ़्फ़रनगर की बात चली तो… :ओमप्रकाश वाल्मीकि की आत्मकथा-“जूठन” से परिचय।

साहित्य और समाज: मुज़फ़्फ़रनगर पिछले कुछ दिनों बेहद गलत कारणों से चर्चा में रहा। सांप्रदायिक हिंसा और हज़ारों लोगों (खास कर

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अभिव्यक्ति में संभावनाएँ: ‘रंगलोक’ समूह द्वारा ‘जाति ही पूछो साधू की’ नाटक का मंचन।

प्रस्तावना: किसी भी सामाजिक आलोचना में बहुत सम्भावनाएँ  छुपी होती हैं।  कला के माध्यम से की गई सामाजिक आलोचना और

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