धारावाहिक ‘छोटी सी आशा’ में काव्य का दुर्लभ यथार्थवादी प्रयोग
मौजूदा हिन्दी धारावाहिकों में जहाँ कथावस्तु और कहानी में किसी प्रकार की नवीनता या रचनात्मकता की संभावना लगभग समाप्त कर
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Read Moreकिसी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित कहानी को गहराई से समझने के लिए, उसके देशकाल, वातावरण, और उद्देश्य से अवगत होना आवश्यक है।
Read Moreहिन्दी साहित्य में किसी भी प्रकार के यथार्थबोध का सैद्धान्तिक विवेचन नहीं किया गया है। इसलिये यथार्थबोध को
Read Moreभारतीय टेलिविज़न के मौजूदा स्वरूप को देखकर यह अंदाज़ा नही लगाया जा सकता है कि कभी धारावाहिकों और टीवी
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