आगरा-बस-सेवा-संचालन में अनियमितताएँ; अलग-अलग प्राधिकरणों की जानकारियों में विरोधाभास

City buses in Agra

आगरा शहर में 2009 से संचालित नगरीय बस सेवा के रूट निर्धारण में एक दशक के बाद भी अनियमितताओं में कमी नहीं आ सकी है। गौरतलब है कि वर्ष 2011 में आगरा और मथुरा में नगरीय बस सेवा संचालन के लिए एक पृथक प्राधिकरण, आगरा मथुरा नगरीय बस परिवहन सेवा लिमिटेड (ए.एम.सी.टी.एस.एल) की स्थापना की जा चुकी है। रूट निर्धारण की प्रक्रिया में सबसे बड़ी समस्या निर्धारित रूट पर बस न चलना है। इसका सबसे प्रमुख उदाहरण शहर की एक प्रमुख सड़क आगरा-शमशाबाद मार्ग पर देखने को मिलता है।

वर्ष 2009 में जब नगरीय बस सेवा का संचालन जे.एन.एन.यू.आर.एम. के तहत देश के लगभग 60 शहरों मे आरम्भ हुआ था तब उनमें उत्तर प्रदेश के छः शहर भी शामिल थे, जिनमें से आगरा एक शहर था। बस संचालन के आरम्भ से ही शहर के कुछ प्रमुख मार्गों पर बस रूट निर्धारित किए गए थे। इन रूटों में आगरा जिले के पास के प्रमुख कस्बों और गाँवों की ओर जाने वाले रूट भी शामिल थे। शमशाबाद नामक कस्बा, जो आगरा जिले के दक्षिण पूर्वी क्षेत्र में स्थित है, के लिए भी आगरा कैंट एवं बिजली घर से दो रूट निर्धारित किए गए थे जिन पर आरम्भ में बसे संचालित भी की जाती थीं।

पर कुछ ही वर्षों के उपरान्त इस मार्ग पर बसें दिखनी कम होती गईं और हाल ही के समय में ये सेवाएँ पूर्ण रूप से बन्द कर दी गईं। वर्ष 2018 में सूचना का अधिकार अधिनियम (आर.टी.आई.) के अन्तर्गत किए गए आवेदन में ए.एम.सी.टी.एस.एल. से यह जानकारी माँगी गई कि शहर में किन रूटों पर आधाकारिक रूप से बसें संचालित की जाती हैं। इसके उत्तर में प्राधिकरण ने यह बताया कि शहर में कुल आठ रूटों पर बसें संचालित की जाती हैं। (यह जानकारी आपको ओपिनियन तंदूर के इस पूर्व-प्रकाशित लेख में मिल सकती है।) इस जानकारी के अनुसार इन रूटों में बिजली घर से शमशाबाद रोड का रूट भी शामिल था। हालांकि प्रत्यक्ष रूप से इस रूट पर कोई बस सेवा नहीं चलाई जा रही थी। इसकी पुष्टि होती है बसों के संचालन को जी पी एस के माध्यम से रिकॉर्ड करने वाली आधिकारिक मोबाइल ऐप चलो के द्वारा, जिसके अनुसार इस रूट पर कोई बस सेवा संचालित नहीं की जाती है। (इसके बारे में आप द वायर में छपे इस लेख में पढ़ सकते हैं।)

इस अनियमितता को प्राधिकरण के संज्ञान में लाते हुए 2019 में एक आर.टी.आई. आवेदन में यह जानकारी माँगी गई कि बिजली घर-शमशाबाद रोड पर बस सेवा संचालित क्यों नहीं की जा रही है। इसके उत्तर में प्राधिकरण के जन सूचना अधिकारी ने यह जानकारी दी कि ‘शमशाबाद मार्ग का परमिट ना होने के कारण आगरा-मथुरा सिटी ट्रान्सपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड आगरा द्वारा बस संचालन नहीं किया जा रहा है।’ [sic] इस उत्तर में यह भी बताया गया कि ‘शमशाबाद का मार्ग का परमिट उ0प्र0 राज्य सड़क परिवहन निगम आगरा के अधीन है।’ [sic]

इस जानकारी के आधार पर उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन निगम (यू.पी.एस.आर.टी.सी.) से 2020 के अगस्त माह में आर टी आई आवेदन द्वारा पूछा गया कि निगम द्वारा शमशाबाद मार्ग का परमिट रद्द क्यों किया गया एवं इससे पहले किन मार्गों के परमिट रद्द किए गए हैं और किन मार्गों पर नए परमिट दिए गए हैं। इसके उत्तर में यू.पी.एस.आर.टी.सी. के आगरा कार्यालय द्वारा यह जानकारी दी गई कि यू.पी.एस.आर.टी.सी. एवं ए.एम.सी.टी.एस.एल. दोनों पृथक प्राधिकरण हैं एवं ए.एम.सी.टी.एस.एल. की किसी भी बस सेवा के लिए यू.पी.एस.आर.टी.सी. द्वारा कोई परमिट रद्द नहीं किया गया है। अन्य प्रश्नों का उत्तर जन सूचना अधिकारी ने उपलब्ध नहीं कराया है।

इन दोनों उत्तरों से यह स्पष्ट होता है कि इनमें से एक या दोनों प्राधिकरण ने आर.टी.आई. आवेदन के जवाब में गलत जानकारी दी है। इस विसंगति को इंगित करते हुए एक ई-मेल यू.पी.एस.आर.टी.सी. को भेजी गई है पर अभी तक निगम से कोई उत्तर नहीं प्राप्त हुआ है। इन दोनों ही उत्तरों से यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि आधिकारिक रूप से बिजली घर-शमशाबाद रोड मार्ग पर बस सेवा होने के बावजूद यहाँ बस सेवा क्यों संचालित नहीं की जा रही हैं।

अनियमितताओं की यह स्थिति केवल इसी मार्ग पर सीमित नहीं है। जैसा कि आप इस लेख में पहले दिए गए अन्य लेखों के लिंक में जा कर पढ़ सकते हैं आगरा की बस सेवा में कई कमियाँ हैं। या तो बसें ऐसे मार्गों पर चलाई जा रही हैं जो आधिकारिक जानकारी में शामिल नहीं हैं या फिर ऐसे मार्गों पर बस सेवाएँ संचालित नहीं की जा रही हैं जिन पर रूट निर्धारित है। कई महत्वपूर्ण मार्गों पर कोई बस सेवा निर्धारित ही नहीं की गई है एवं जिस प्रकार बस रूटों का निर्धारण किया गया है उससे बसों के संचालन के अंतराल एवं शहर के अलग-अलग इलाकों को आपस में जोड़ने का ध्यान नहीं रखा गया है जिससे नागरिकों द्वारा बस सेवा का नियमित उपयोग नहीं हो पा रहा है। ऐसे में शहर में एक दशक से भी अधिक समय से बस सेवा के संचालन के बावजूद आगरा शहर में सार्वजनिक परिवहन की संस्कृति पूर्णतः विकसित नहीं हो सकी है।

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