आगरा में शमशाबाद रोड पर नहीं है महानगर परिवहन सेवा की बसें चलाने की स्वीकृति

आगरा शहर के प्रमुख मार्गों में से एक शमशाबाद रोड पर जे एन एन यू आर एम सेवा के अंतर्गत चलने वाली महानगर परिवहन सेवा की बसों के लिए  उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यू पी एस आर टी सी) द्वारा परमिट (स्वीकृति) नहीं दिया गया है। इस कारण आगरा मथुरा नगर परिवहन सेवा लिमिटिड (ए एम सी टी एस एल), जो कि आगरा एवं मथुरा शहरों में नगर बस सेवा का संचालन करता है, शमशाबाद मार्ग पर नगर बस सेवा चलाने में असमर्थ है। शमशाबाद मार्ग का परमिट यू पी एस आर टी सी के अधीन है। यह जानकारी ए एम सी टी एस एल ने सूचना का अधिकार 2005 के अंतर्गत दायर किए गए आवेदन के उत्तर में दी है।



गौरतलब है कि 2018 में आगरा शहर में महानगर परिवहन सेवा के अंतर्गत जिन मार्गों पर बस सेवा चलाई जा रही है उनकी जानकारी एक अन्य सूचना का अधिकार आवेदन में माँगी गई थी। इसके उत्तर में प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर में आठ मार्गों पर बस सेवा चलाए जाने का दावा किया गया था जिसमें बिजली घर से शमशाबाद मार्ग के रूट का भी उल्लेख किया गया था। यह जानकारी ओपिनियन तंदूर पर पहले छपे एक लेख में प्रकाशित भी की गई थी। हालांकि शमशाबाद मार्ग पर तब भी कोई बस सेवा संचालित नहीं की जा रही थी।

शमशाबाद मार्ग लगभग 20 किमी लम्बी सड़क है जो शहर के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में कैंटोनमेंट क्षेत्र के समीप शुरु होती है और शमशाबाद गाँव तक पहुँचती है। इसके आगे यह मार्ग राजस्थान के राजाखेड़ा शहर तक जाता है। यह मार्ग एक अंतर-राजीय राजमार्ग भी है। इस मार्ग पर पिछले एक दशक में भारी मात्रा में शहरीकरण देखा गया है जिसके चलते इस क्षेत्र में अनेक रिहायशी कॉलोनी एवं कई छोटे-बड़े बाज़ारों का विकास हुआ है और शहरी आबादी में खासा इज़ाफा हुआ है। इसके चलते नगर सीमा को भी इस मार्ग पर पड़ने वाले कहरई गाँव तक बढ़ा दिया गया है। इस सीमा के आगे भी यह मार्ग उप-नगरीय क्षेत्र और ग्रामीण इलाके में काफी आबादी के क्षेत्र को जोड़ता है।

आने वाले समय में आगरा-नोएडा यमुना एक्सप्रेस वे से आगरा को जोड़ने वाली रिंग रोड, जो फिलहाल शमशाबाद मार्ग के समानांतर फतेहाबाद मार्ग तक पहुँचकर खत्म होती है, शमशाबाद मार्ग से भी आकर जुड़ेगी और इसके आगे घूम कर ग्वालियर जाने वाले मार्ग तक पहुँचेगी। इस रिंग रोड के बन जाने पर शमशाबाद मार्ग पर शहरीकरण और संभवतः होटल उद्योग का विकास होने का अंदेशा है जो इस सड़क का महत्व और भी बढ़ा देगा।

वर्तमान में भी इस मार्ग पर भारी यातायात देखने को मिलता है जिसमें ना सिर्फ निजी वाहनों की बड़ी संख्या है बल्कि ऐसे भी कई लोग शामिल हैं जिनके पास अपने वाहन नहीं हैं। जहाँ एक तरफ निजी वाहनों की अधिक संख्या के कारण कई बार इस मार्ग पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, वहीं बसों के अभाव में बिना वाहन के लोगों को खचाखच भरी निजी बसों और टेम्पो आदि का सहारा लेना पड़ता है जिनमें उनकी यात्रा ना केवल कष्टदायक होती है बल्कि उनके जीवन के लिए खतरनाक भी।

इसके अलावा बसों के इस रूट पर ना होने के कारण शहर की एक बड़ी आबादी बस सेवा के ग्राहक वर्ग का हिस्सा नहीं बन पाती है जिसका नुकसान बस सेवा को भुगतना पड़ता है। आगरा जैसे शहरों में बस सेवा शहरी सार्वजनिक यात्रा का एक मजबूत विकल्प बनने में इसलिए विफल रही है क्योंकि अभी तक शहर के कई हिस्से इससे अछुते हैं। इनमें शमशाबाद मार्ग जैसे प्रमुख मार्ग तो हैं ही पर साथ ही शहर और देहात के अंदरूनी हिस्सों को जोड़ने वाली छोटी मगर अहम सड़कें भी शामिल हैं। इन सड़कों पर कोई बस ना होने के कारण यहाँ के लोग या तो अपने निजी वाहनों का इस्तेमाल करते हैं या फिर टेम्पो, ऑटो आदि जैसे विकल्प चुनते हैं। ऐसे में सार्वजनिक शहरी यातायात की संस्कृति का आगरा जैसे भारत के अनगिनत शहरों में विकास होना संभव होना कठिन लगता है।

 

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