साहित्य, सिनेमा और अनुरूपण: शेक्सपियर के ‘कॉमेडी ऑफ एरर्स’ पर आधारित गुलज़ार द्वारा निर्देशित ‘अंगूर’
हिंदी सिनेमा का साहित्य से रिश्ता बहुत गहरा तो नही है पर शेक्सपियर की कहानियों को हिंदी निर्देशकों ने बहुत आज़माया है। हालांकि इनमें से अधिकाँश निर्देशकों ने उनके गंभीर नाटकों को चुना है। गुलज़ार ने शेक्सपियर के हास्य नाटक ‘कॉमेडी ऑफ एरर्स’ को एक आधुनिक मध्यमवर्गीय सन्दर्भ में अनुरूपण कर ‘अंगूर’ (१९८२) के रूप में ढाला। किसी प्रसिद्ध नाटककार की लोकप्रिय रचना के संवादों और पटकथा को अनुरूपण में हावी ना होने देना और पर अपने अंदाज़ को कायम रखना एक बेहद कठिन काम है।
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