समीक्षा

कला, साहित्य और संस्कृतिसमीक्षा

जब रंगलोक ने आगरा को मंटो से मिलाया

बैकुण्ठी देवी कन्या महाविद्यालय में ‘अरे भाई मंटो!’ का मंचन आगरा में लगभग एक दशक से स्थापित हो चुके थिएटर

Read More
कला, साहित्य और संस्कृतिसमीक्षा

धारावाहिक '24', भारतीय धारावाहिक परंपरा में एक नया प्रयोग

Courtesy:http://www.colorstv.com/in/24/ पिछले हफ्ते अनिल कपूर की मुख्य भुमिका वाले धारावाहिक ‘24’ के दूसरे सीज़न के कलर्स चैनल पर समाप्त होने

Read More
कला, साहित्य और संस्कृतिसमीक्षा

"जब शहर हमारा सोता है": रंगलोक समूह का उत्कृष्ट मंचन

रंगमंच:14 दिसम्बर को रंगलोक सांस्कृतिक संस्थान ने आगरा के सूरसदन ऑडिटोरियम में प्रख्यात अदाकार, लेखक और कवि – पियूष मिश्रा

Read More
कला, साहित्य और संस्कृतिनिबंधसमीक्षा

आलोचना और पूर्वाग्रह

‘हिन्दी के चर्चित उपन्यासकार’ मिश्र की उपन्यासों और उपन्यासकारों की आलोचना का एक ही पुस्तक में समेटने का बृहद प्रयास है।

Read More
कला, साहित्य और संस्कृतिराजनीति, नीति और शासनसमीक्षा

मुज़फ़्फ़रनगर की बात चली तो… :ओमप्रकाश वाल्मीकि की आत्मकथा-“जूठन” से परिचय।

मुज़फ़्फ़रनगर पिछले कुछ दिनों बेहद गलत कारणों से चर्चा में रहा। सांप्रदायिक हिंसा और हज़ारों लोगों (खास कर अल्पसंख्यकों) के

Read More
कला, साहित्य और संस्कृतिविश्लेषणसमीक्षा

अपने अपने अजनबी और वैयक्तिक यथार्थबोध

    हिन्दी साहित्य में किसी भी प्रकार के यथार्थबोध का सैद्धान्तिक विवेचन नहीं किया गया है। इसलिये यथार्थबोध को

Read More
कला, साहित्य और संस्कृतिसमीक्षा

अभिव्यक्ति में संभावनाएँ: ‘रंगलोक’ समूह द्वारा ‘जाति ही पूछो साधू की’ नाटक का मंचन।

प्रस्तावना: किसी भी सामाजिक आलोचना में बहुत सम्भावनाएँ  छुपी होती हैं।  कला के माध्यम से की गई सामाजिक आलोचना और

Read More