आगरा में ‘चलो’ ऐप पर बसों की लाइव ट्रैकिंग का आभाव; यात्रियों की परेशानियाँ कायम

आगरा में हाल ही में शुरू की गई इलेक्ट्रिक बसों में चलो ऐप की लाइव ट्रैकिंग उपलब्ध नहीं

यदि आप नगरीय बस सेवा से सफर करते हैं तो शायद आपके लिए भी सबसे बड़ा मुद्दा बस का समय से आना होता होगा। कहीं दफ्तर के लिए देर ना हो जाए, कहीं कॉलेज में पहला लेक्चर मिस ना हो जाए, कहीं बाज़ार से घर लौटते तक बहुत रात ना हो जाए। ठंड में, गरमी में, बरसात में बस स्टॉप पर अपनी बस का इंतज़ार करना बस सेवा से सफर करने का शायद सबसे खराब अनुभव होता है।

आगरा शहर में वर्ष 2009 में नगरीय बस सेवा जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजना के अंतर्गत लगभग तीन दशकों के बाद फिर से शुरु की गई थी जिसके तहत कई मार्गों पर एसी और नॉन-एसी सी.एन.जी चलित बसें चलाई गईं। फिलहाल यह सेवा आगरा मथुरा सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड (ए.एम.सी.टी.एस.एल.) नामक विभाग द्वारा संचालित की जा रही है। हाल ही में कई रूटों पर इलेक्ट्रिक बसों की सेवा भी शुरू की गई है। पर इतने सालों बाद भी बसों के समय की जानकारी के आभाव की समस्या शहर की बस सेवा पर हावी है जो दो कारणों से और भी विकट हो जाती है। पहला कारण है कि शहर के अधिकांश बस सेवा के मार्गों पर बस स्टॉप मौजूद नहीं हैं जिसके कारण यात्रियों को छोटे-बड़े झुंड में सड़क किनारे भरी गरमी, ठंड और बारिश में बस की प्रतीक्षा करनी पड़ती है। दूसरा कारण है कई मार्गों पर, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में बहुत कम संख्या में बस सेवाएँ उपलब्ध हैं और वह भी आधे घंटे के अंतराल पर चलती हैं। ऐसे में बसों के लिए लंबा और परेशानी भरा इंतज़ार एक आम बात हो जाती है।

कुछ  वर्ष पहले इस समस्या का निदान मोबाईल फोन पर चलो ऐप के रूप में प्रस्तुत हुआ था। चलो ऐप भारत के कुछ चुनिंदा शहरों में जी.पी.एस. तकनीक के माध्यम से शहरी बसों की लाइव ट्रैकिंग की सुविधा प्रदान करती है जिससे आप शहर में चलने वाली सभी बसों की वर्तमान स्थिति शहर के नक्शे पर लाइव देख सकते हैं। आगरा में इसका एक और फायदा है कि बस रूटों और टाइमटेबल के बारे में आधिकारिक और उचित जानकारी के आभाव में, ऐप के माध्यम से किसी भी रूट पर चलने वाली बस सेवाओं का पता भी लग सकता है। हालांकि वर्तमान में आगरा के लिए यह ऐप केवल रूट की जानकारी का माध्यम भर बन कर रह गई है।

जनवरी महीने में एक हफ़्ते के दौरान रोज़ दोपहर और शाम को चलो ऐप पर उपल्बध कुल 24 रूटों की बसों की जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की गई। इस पड़ताल के परिणाम बेहद निराशाजनक निकले। इन सात दिनों में ऐप पर कुल आठ ही बसों की लाइव-ट्रैकिंग उपलब्ध पाई गई जबकि शहर में बस सेवा के अंतर्गत 100 से अधिक बसें संचालित की जा रही हैं। ये आठ बसें भी केवल चार ही रूटों पर संचालित की जा रहीं थीं। अन्य 16 रूटों पर एक भी दिन किसी भी बस में लाइव ट्रैकिंग मौजूद नहीं थी। जिन चंद बसों में लाइव ट्रैकिंग देखने को मिली उनमें भी यह सेवा सभी सात दिनों उपलब्ध नहीं थी। पूरे दिन में भी इन बसों में लाइव ट्रैकिंग कुछ ही घंटो के दौरन देखने को मिली। इसके अलावा कई बार यह भी देखने को मिला कि बसों के उद्गम स्थान पर लाइव ट्रैकिंग कुछ देर उपलब्ध रहने के बाद बन्द हो जाती थी।

बसों की लाइव ट्रैकिंग के आभाव के कारणों के बारे में पूछे जाने पर चलो ऐप के प्रतिनिधि ने ऐप के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के माध्यम से बताया कि आगरा में इलैक्ट्रिक बसों में अभी तक लाइव ट्रैकिंग की सुविधा शुरु नहीं की जा सकी है। हालांकि ऐप पर सी.एन.जी. बसों के लिए भी लाइव ट्रैकिंग उपलब्ध नहीं है। इस विषय पर प्रश्न पूछे जाने पर टीम के प्रतिनिधि द्वारा मामले की जाँच करने की बात कही गई पर अब तक कोई भी उत्तर प्राप्त नहीं हुआ। इसी संदर्भ में ए.एम.सी.टी.एस.एल. को भी मेल भेजकर चलो ऐप पर लाइव ट्रैकिंग की अनुपलब्धता के कारण पूछे गए पर विभाग से अब तक कोई उत्तर प्राप्त नहीं हुआ।

मौजूदा परिस्थिति में बसों के संचालन के समय और लाइव ट्रैकिंग के आभाव में आगरा के बस यात्रियों के बसों को समय और सुविधा से पकड़ने के आसार कम ही नज़र आते हैं, खासकर शहर के बाहरी इलाकों में पड़ने वाले मार्गों पर जिन पर बस रूट कम हैं और बसों के बीच का अंतराल अधिक है। समय से बसें ना मिल पाना कई दैनिक यात्रियों के लिए बस सेवा का नियमित रूप से उपयोग ना करने का एक बड़ा कारण होता है। यदि शहर में सार्वजनिक बस यातायात को बढ़ावा देना है तो चलो ऐप पर सभी रूटों की सभी बसों पर लाइव ट्रैकिंग बहाल करना अति-आवश्यक है।

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