आगरा नगरीय बसों की बेतुकी समय सारणी शहरी-बस-यातायात के लिए प्रतिकूल

फर्ज़ कीजिए कि आप दोपहर में किसी वक्त किसी ट्रेन से आगरा फोर्ट रेल्वे स्टेशन पर उतरे। आपके हाथ में एक बैग है। आप स्टेशन से बाहर निकले और अपने घर की ओर बस लेने के लिए लगभग आधे किमी दूर स्थित बिजली घर बस स्टैंड पहुँचे। बस स्टैंड पर हमेशा की तरह ऑटो एक दूसरे पर लद से रहे हैं, अंतरनगरीय बसें एक के बाद एक कतार में खड़ी हैं और यात्रियों को चढ़ा रही हैं और बीसियों अन्य निजी वाहन, वाहनों की भूलभुलैया में से अपना रास्ता ढूँढ कर निकलने की कोशिश कर रहे हैं। गाड़ियों के इस अत्याधिक कोलाहल में, पथिक और यात्री गाड़ियों से बचते-बचाते निकलने की कोशिश कर रहे हैं जो अगर मौका मिले तो पैदल पथ पर भी चलने से बाज़ नहीं आएँगी। 

आप नारंगी, बिजली से चलने वाली नगरीय-बस के इंतज़ार में खड़े हैं जो आपके घर की ओर जाती है पर आपको एक भी नज़र नहीं आती। आप अपना फोन निकालते हैं और चलो ऐप में देखते हैं कि बस स्टैंड से आपके रूट पर अगली बस कितने बजे निकलेगी। ऐप में दिखता है कि इस वक्त कोई भी बस जाने के लिए तैयार नहीं है। आप बस की समय-सारणी देखते हैं और पता चलता है कि बसें हर एक घंटे बाद चलने के लिए निर्धारित हैं। दोपहर के एक बजने में अभी भी बीस मिनट बाकी हैं, इसलिए आप हार मानकर ऑटो पकड़कर घर आ जाते हैं।

कोई व्यक्ति बस के लिए कुछ मिनट तक इंतज़ार कर सकता है, ज़्यादा से ज़्यादा पाँच या दस मिनट के लिए, खास कर जब बसें समय की पाबंद हों पर तब क्या किया जाए जब बसों के बीच की अवधि बहुत अधिक हो या अनियमित रूप से निर्धारित की गई हो या फिर शाम को एक समय के बाद या देर रात में किसी रूट पर कोई भी बस चलने का प्रावधान ही ना हो?

चलो ऐप पर उपलब्ध शहर की बस सेवा की समय सारणी के अनुसार आगरा की बसों के निर्धारित समय में ये सभी खामियाँ मौजूद हैं। चलो ऐप शहर की बस सेवा की आधिकारिक सूचना सेवा है जो आगरा के अलावा देश के अन्य कई शहरों में भी मोबाइल ऐप द्वारा यह सेवा प्रदान करती है।  

इस विश्लेषण के लिए चलो ऐप पर आगरा के कुल 28 बस रूटों की जाँच की गई। कई रूटों में कई बस स्टॉप समान थे। इसलिए इन बस स्टॉप पर अन्य बस स्टॉप की तुलना में अधिक बसें उपलब्ध रहती हैं। इनमें से अधिकाँश बस स्टॉप शहर की मुख्य महात्मा गाँधी रोड से लेकर आगरा-ग्वालियर रोड तक के हिस्से पर स्थित हैं, जिस से शहर के अधिकतर बस रूट होकर गुज़रते हैं।

उद्गम/ अंतिम स्टॉपउद्गम/ अंतिम स्टॉपसमय
बिजली घरशम्शाबादसुबह 7 बजे, 9 बजे और फिर रात के दस बजे तक हर एक घंटे बाद
आगरा कैंटसिकंदरा मंडी
आगरा कैंटबरहान
आगरा कैंटभगवान टॉकीज़
आगरा कैंटदयालबाग
भगवान टॉकीज़देवी चौराहा
भगवान टॉकीज़रोहता
अर्जुन नगरएयरपोर्ट
स्त्रोत- चलो ऐप

सबसे खास बात यह है कि इन 28 रूटों में से एक भी रूट ऐसा नहीं है जिस पर दिन भर में बसों के चलने की अवधि नियमित हो। जैसा कि ऊपर की तालिका में देखा जा सकता है, कुल आठ रूट ऐसे हैं जिन पर सुबह सात बजे से रात के दस बजे तक हर एक घंटे तक बसें चलनी निर्धारित हैं सिवाय सुबह आठ बजे के। पर फिर भी बसों के बीच एक घंटे का अंतराल बहुत अधिक है जिसके चलते ये दैनिक यात्रियों के उपयोग के लिए अनुकूल नहीं रह पाती हैं।

उद्गम/ अंतिम स्टॉपउद्गम/ अंतिम स्टॉपसमय
बिजली घरपश्चिमपुरीसुबह 7 तथा 8;45 बजे एवं दोपहर 3;20, 4;20 तथा 5;05 बजे
बिजली घरखेरागढ़
बिजली घरटून्डला
बिजली घरइरादत नगर
आगरा कैंटबरहान अंवलखेड़ा के रास्ते से
भगवान टॉकीज़इरादत नगर
बल्केशवररोहता
स्त्रोत- चलो ऐप

ऊपर दी गई तालिका में प्रस्तुत सात रूटों पर बसों का निर्धारित समय बहुत अनियमित है। इन रूटों की पहली बस सुबह सात बजे चलना शुरु होती है और अगली बस 8:45 पर चलती है। इसके बाद बसें चलनी बंद हो जाती हैं और फिर अगली बस सीधे दोपहर के 3:20 बजे चलती है और शाम 5:05 बजे के बाद कोई भी बस नहीं चलती। इसलिए इन रूटों पर बस से यात्रा करने के लिए आपके पास बेहद कम मौके बचते हैं। रात में कोई बस उपलब्ध ही नहीं है जबकि देर रात के समय, बसें यात्रियों के लिए सार्वजनिक यातायात का सबसे सुरक्षित एवं आरामदायक विकल्प होती हैं।

भगवान टॉकीज़ से ईदगाह बस डिपोट एवं आई.एस.बी.टी से टेढ़ी बगिया के बीच के रूटों पर स्थिति और भी बुरी है क्योंकि इन पर बसें केवल दो बार चलती हैं; सुबह 7:21 बजे एवं 7:39 बजे। बाकी के दिन इन रूटों पर यातायात के लिए आप पूरी तरह से निजी वाहनों पर निर्भर हैं।

उद्गम/ अंतिम स्टॉपउद्गम/ अंतिम स्टॉपसमय
बिजली घरफ़तेहाबादसुबह 7:43, 8:38, 8:58, 9:38, 10:38, 11:38 बजे, दोपहर 12:38, 1:29, 2:14, 2:34, 3:14 बजे, शाम 4:14, 5:14, 6:14 बजे  
बिजली घरनाराइच डिपोट
भगवान टॉकीज़नाराइच डिपोट
भगवान टॉकीज़अछनेरा
ईदगाहकागरोल
ईदगाहफ़तेहपुर सीकरी
स्त्रोत- चलो ऐप

ऊपरीलिखित छ: रूटों पर बसों के चलने का समय भी बहुत अनियमित है एवं आखिरी बस शाम 6:14 बजे चलती है।

पाँच रूटों के लिए ऐप पर समय की जानकारी उपलब्ध नहीं है; बिजली घर से मथुरा, बिजली घर से फिरोज़ाबाद, बिजली घर से बाह, बिजली घर से पिनाहट एवं सादाबाद से आई.एस.बी.टी।

ओपिनियन तंदूर की पिछले वर्ष प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार आगरा के किसी भी रूट पर बसों के बीच की अधिकतम अवधि आधा घंटा थी। अब यह अधिकतम अवधि एक घंटा या उससे अधिक हो गई है। इसके अलावा कई रूटों पर बस-सेवा शाम, दोपहर और यहाँ तक कि सुबह ही समाप्त कर दी जाती है। इसलिए यदि आप चलो ऐप पर किसी रूट पर वर्तमान में चल रही बस का पता लगाना चाहते हैं तो इसमें आपको आश्चर्य नहीं होगा कि आपको कोई भी बस चलती हुई ना मिले।  

आगरा अब मेट्रो रेल वाले शहरों की फेहरिस्त में शामिल होने वाला है। 2024 की शुरुआत में ही आगरा मेट्रो का पहला कॉरीडोर आंशिक रूप से चालू कर दिया जाएगा। इस हज़ारों-करोड़ों रुपए की लागत वाली मेट्रो परियोजना को प्रस्तावित एवं क्रियान्वित करने के पीछे जो कारण दिया गया था वह यह था कि इससे सड़कों पर निजी वाहन कम होंगे जिससे वाहनों की भीड़ कम होगी और साथ ही वाहनों से होने वाला प्रदूषण भी कम होगा।

ये सभी कारण मूलरूप से सभी जगह सार्वजनिक यातायात की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं। गौरतलब है कि मेट्रो के मुकाबले बसें इस संस्कृति को बढ़ावा देने में कहीं अधिक कारगर है। ना केवल इन्हें चलाना मेट्रो चलाने से सस्ता है पर साथ ही वे मौजूदा शहरी मूलभूत ढाँचे पर कोई प्रभाव नहीं डालती हैं जबकि मेट्रो रेल ना केवल सतही स्तर पर बल्कि भूमिगत स्तर पर भी शहरी मूलभूत ढाँचे पर अत्यधिक प्रभाव डालती है। साथ ही बसों की लोगों के घरों एवं दफ्तर आदि से उपलब्धता की निकटतम दूरी मेट्रो के मुकाबले कहीं कम होती है। इसलिए यह विचित्र बात है कि आगरा शहर में जहाँ एक तरफ सार्वजनिक यातायात के लिए मेट्रो के ढाँचे में इतना पैसा और मेहनत खर्च कर रहा है, वहीं बसों के लिए एक नियमित समय-सारणी भी नहीं बनाई जा पा रही है और ना ही बसों के बीच की अवधि कम की जा पा रही है।

बसों के निर्धारित समय की सभी जानकारी 10 से 13 दिसंबर के बीच चलो ऐप द्वारा प्राप्त की गई है।

मुदित चतुर्वेदी को ,अपना अनुभव साझा करने के लिए, विशेष धन्यवाद।

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