फणीश्वरनाथ रेणू की ‘पंचलाइट’ का रंगलोक द्वारा मंचन: ग्रामीण और आंचलिक परिवेश से साक्षात्कार कराती प्रस्तुति
आधुनिक मुख्य-धारा मनोरंजन और कलात्मक अभिव्यक्ति के संसार से ग्रामीण परिवेश गायब होता जा रहा है, इस बात से शायद
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Read Moreहिंदी सिनेमा का साहित्य से रिश्ता बहुत गहरा तो नही है पर शेक्सपियर की कहानियों को हिंदी निर्देशकों ने बहुत
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Read Moreभारत–पाकिस्तान का विभाजन एक ऐसी मानव–निर्मित त्रासदी है जिसने इतिहास के सबसे बड़े मानव–विस्थापनों में से एक को जन्म
Read More(लेखिका परिचय- अमिता चतुर्वेदी ने हिन्दी साहित्य में एम. फिल. की उपाधि प्राप्त की है। यह लेख मूलत: उनके ब्लॉग ‘अपना परिचय ‘ पर
Read Moreसाभार: मुदित चतुर्वेदी जीवन में छोटी–बड़ी गतिविधियों के बीच भी हम सभी के सिर पर कुछ ऐसे सवाल मंडराते
Read Moreहम बिहार से चुनाव लड़ रहे हैं समय और युग के परिवर्तन के बावजूद प्रासंगिक रहने वाली साहित्यिक कृतियाँ एक
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