‘अरे यायावर रहेगा याद?’- अज्ञेय का बहुआयामी यात्रा संस्मरण
1953 में प्रकाशित अज्ञेय द्वारा लिखा गया यात्रा-संस्मरण, अरे यायावर रहेगा याद? हिंदी साहित्य के इतिहास में संग्रहणीय है। आठ अध्याय में विभाजित यह कृति एक महत्वपूर्ण दस्तावेज
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