देश व्यापी ‘भारत बंद’-हड़ताल का हिस्सा बने आगरा के डाक कर्मचारी
8 जनवरी 2020 को, भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर, विभिन्न श्रम संगठनों द्वारा देश व्यापी हड़ताल बुलाई गई। आगरा शहर में हालांकि इस हड़ताल का व्यापक असर देखने को नहीं मिला परन्तु प्रतापपुरा स्थित प्रधान डाक कार्यालय में अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ, ऐन एफ पी ई यूनियन (राष्ट्रीय डाक कर्मचारी संघ संगठन) एवं अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ ने इस हड़ताल में भाग लिया और डाक कार्यालय के परिसर में ही धरने पर बैठकर प्रदर्शन किया।
अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ, वर्ग-III आगरा मंडल के सचिव दिनेश शर्मा ने बताया कि यह हड़ताल देश व्यापी भारत बंद के आवाहन पर आयोजित की गई है। राष्ट्रीय स्तर पर बुलाई गई इस हड़ताल के अंतर्गत 12 सूत्रीय माँगों के साथ ही शहरी एवं ग्रामीण डाक कर्मचारियों द्वारा 25 माँगों को भी उठाया गया। इनमें प्रमुख माँगों में शामिल हैं ग्रामीण डाक सेवियों के लिए कमलेश चंद्रा समीति की सभी सकारात्मक सिफारिशें लागू करना, सभी रिक्त पदों को अविलम्ब भरना, न्यू पेंशन स्कीम की वापसी, ग्रामीण डाक सेवकों की सदस्यता का सत्यापन, डाक सेवाओं के निजीकरण, निगमीकरण व आउटसोर्सिंग की समाप्ति, “अवैज्ञानिक लक्ष्य” की प्राप्ति के लिए दबाव बनाने को बंद करना, सातवें वेतन आयोग के अवशेष, अधूरे व लंबित वादों की पूर्ति आदि।
डाक कर्मचारियों द्वारा आयोजित इस हड़ताल के माँग पत्र में केंद्र सरकार पर कर्मचारी विरोधी नीतियों व उनकी लंबित मांगों के प्रति “घोर उदासीनता” के आरोप लगाए गए हैं। पत्र में ऐन एफ पी ई को इस देश व्यापी हड़ताल का एक अहम हिस्सा बताते हुए इस आवाहन को “अपने अस्तित्व को बचाने का निर्णायक प्रयास” घोषित किया गया। श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ाए जाने का संगीन आरोप लगाते हुए इसे “करो या मरो” की स्थिति बतया गया।
2019 में भी मई और जून के महीनों में ग्रामीण डाक सेवक संघ कमलेश चंद्रा समीति की सिफारिशों को लागू करने की माँग को लेकर कई दिनों तक चलने वाली देश व्यापी हड़ताल पर बैठे थे। उस समय सरकार की तरफ से आश्वासन मिलने पर इन कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली थी पर जैसा कि वर्तमान में स्पष्ट है ये आश्वासन क्रियान्वयन की स्थिति तक नहीं पहुँचाया गया। हालांकि तब गैर-ग्रामीण डाक कर्मचारी संघ उनके साथ खुलकर नहीं आए थे। इस बार देश व्यापी भारत बंद में ग्रामीण और शहरी, दोनों ही डाक कर्मचारी संघ देश की विभिन्न कर्मचारी और श्रम संगठनों के साथ हड़ताल पर बैठे हैं। जहाँ ग्रामीण डाक सेवा में लगभग 2,60,000 कर्मचारी कार्यरत हैं वहीं गैर-ग्रामीण डाक सेवा में 62,000 कर्मचारी काम करते हैं।