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आगरा मेट्रो के द्वितीय कॉरिडोर के लिए एन.एम.ए. ने दी अनुमति; तीन स्मारकों के निकट होगा ऐलिवेटेड निर्माण कार्य

फतेहाबाद रोड पर आगरा मेट्रो के प्रथम कॉरिडोर का ऐलीवेटेड भाग

आगरा शहर के तीन और ऐतिहासिक स्मारकों के निकट आगरा मेट्रो के निर्माण कार्य का रास्ता साफ हो चुका है। 1 मई, 2023 को हुई 390 वीं मीटिंग में राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एन. एम. ए.) ने आगरा मेट्रो के द्वितीय कॉरीडोर को अनुमति प्रदान कर दी है जिसका निर्माण एम.जी. रोड स्थित रोमन कैथोलिक सेमेटेरी एवं दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग-19 (एन. एच.-19) स्थित रामबाग और लाल मस्जिद के निकट होना प्रस्तावित है। 15 कि.मी. लंबा द्वितीय कॉरिडोर पूर्ण रूप से एलिवेटेड होगा जो आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से शुरू हो कर एन. एच.-19 स्थित कालिंदी विहार पर समाप्त होगा।

गौरतलब है कि वर्ष 2020 में एन.एम.ए. ने उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल निगम को ऐतिहासिक स्मारकों के निकट ऐलिवेटेड निर्माण कार्य के लिए स्वीकृति देने से इंकार कर दिया था और उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल निगम (यू.पी.एम.आर.सी.) को अपने प्रस्ताव में संशोधन करने का सुझाव दिया था। हालांकि अब प्राधिकरण ने द्वितीय कॉरिडोर के लिए स्मारकों के निकट ऐलिवेटेड निर्माण के लिए स्वीकृति दे दी है। यह पहली बार नहीं है कि एन.एम.ए. ने आगरा मेट्रो के लिए ऐसी स्वीकृति दी है। इससे पहले भी प्रथम मेट्रो कॉरिडोर के लिए प्राधिकरण ने सिकंदरा सहित तीन अन्य स्मारकों के पास एलिवेटेड निर्माण कार्य की स्वीकृति दी थी। आप इसके बारे में ओपिनियन तंदूर की इस रिपोर्ट में पढ़ सकते हैं।

वर्ष 2020 की अपनी मीटिंग में एन.एम.ए. ने यू.पी.एम.आर.सी. को यह भी बताया था कि स्मारकों के प्रतिबंधित क्षेत्र में निर्माण कार्य का विषय एन.एम.ए. के अधिकार क्षेत्र के बाहर है और इस पर ए.एस.आई द्वारा निर्णय लिया जाना है। प्रथम कॉरिडोर के निर्माण कार्य को सादिक खान की कब्र और सलाबत खान की कब्र एवं पत्थर का घोड़ा नामक स्मारकों के प्रतिबंधित क्षेत्र में अनुमति दी गई है। हालांकि सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मिली जानकारी के अनुसार ए.एस.आई. ने ऐसी कोई अनुमति नहीं दी है।

आगरा मेट्रो की डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट– 2017 (डी.पी.आर.) के अनुसार द्वीतीय कॉरीडोर का निर्माण कार्य भी दो स्मारकों, रोमन कैथोलिक सेमेटेरी एवं लाल मस्जिद के प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रस्तावित है। एन.एम.ए. की मीटिंग के रिकॉर्ड में यह जानकारी उपलब्ध नहीं है कि क्या एन.एम.ए. द्वारा इन स्मारकों के प्रतिबंधित क्षेत्र में निर्माण कार्य की अनुमति दी गई है और यदि ऐसा है तो क्या इसके लिए ए.एस.आई. ने अनुमति प्रदान की है या नहीं। ये दोनों प्रश्न एन.एम.ए.,  यू.पी.एम.आर.सी एवं ए.एस.आई. को ईमेल द्वारा भेजे गए हैं पर अभी तक कोई उत्तर प्राप्त नहीं हुआ है। उत्तर मिलने पर रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा।

एन.एम.ए अब तक निम्नलिखित ऐतिहासिक स्मारकों के निकट आगरा मेट्रो के निर्माण कार्य के लिए अनुमति दे चुका है –

स्मारक का नामनिर्माण कार्य का प्रकार
आगरा किलाअन्डर ग्राउंड
जामा मस्जिदअन्डर ग्राउंड
दिल्ली गेट अन्डर ग्राउंड
सलाबत खान की कब्र और सादिक़ खान की कब्रऐलीवेटेड
सिकंदराऐलीवेटेड
पत्थर का घोड़ाऐलीवेटेड
रोमन कैथोलिक सेमेटेरीऐलीवेटेड
लाल मस्जिदऐलीवेटेड
रामबाग़ऐलीवेटेड

एन.एच.-19 पर सर्विस लेन हो सकती है बेकार

आगरा मेट्रो की डी.पी.आर. के अनुसार आगरा मेट्रो के द्वितीय कॉरिडोर का एक भाग एन.एच-19 पर स्थित सुल्तानगंज की पुलिया के चौराहे से लेकर वॉटर वर्क्स चौराहे के बीच एक तरफ की सर्विस लेन से होकर जाना प्रस्तावित है जिसके कारण यह सर्विस लेन वाहनों के आवागमन के लिए स्थायी रूप से अनुपयोगी हो जाएगी। गौरतलब है कि राजमार्ग का यह हिस्सा घनी आबादी वाले क्षेत्रों से होकर गुज़रता है और आमतौर पर यहाँ की सर्विस लेन पर भारी मात्रा में ट्रैफिक देखने को मिलता है। इस लेख के लिए यू.पी.एम.आर.सी को भेजी गई मेल में पूछा गया है कि क्या द्वितीय कॉरिडोर का निर्माण डी.पी.आर. के अनुसार इस सर्विस लेन पर ही प्रस्तावित है या इस प्रस्ताव में कोई संशोधन किया गया है और यदि नहीं तो वह किस तरफ की सर्विस लेन है जो इससे प्रभावित होगी? उत्तर मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा।            

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