रेख़्ता (उर्दू बोली) को समेट कर पेश कर रही एक अद्भुत साइट- रेख़्ता
पिछले ही कुछ दिनों में फेसबुक पर जाते हीबीच–बीच मेंउर्दू की कुछ बेहतरीनशायरी, गज़लें देखने को मिलजाती थीं। फिर कुछ दिनों बाद देखा तो तस्वीरों के साथएक खूबसूरत शेर लिखा होता था जिसमें अलग सेकिसी एक मुश्किल शब्द काअर्थ हिन्दी और अंग्रेज़ी में लिखारहता था जो उसदिन का खास शब्दयानि ‘वर्ड ऑफ़द डे’ होता था।उर्दू भले ही भारत केहिन्दी भाषी क्षेत्र के बोलने–चालने का एक अभिन्नअंग हो; भले हीहिन्दी बेल्ट के अधिकांश लोग बिनाउर्दू के शब्दों के अपनीएक बात भी पूरी नाकर सकें पर फिर भीउर्दू को पहचानना और समझनाअब भी उनके लिएसहज–स्वाभाविक नहीं है।ऐसे में फेसबुक पर इस अलगतरह की पेशकश पर ध्यानजाना लाज़मी था।
गौर से देखा तो ये तस्वीरेंऔर पोस्ट रेख़्ता नाम के एक खासफेसबुक पेज से साझा कीजा रही थीं। पेज पर जाकर इसीनाम की वेबसाइट का पतामिला। इस वेबसाइट पर जानाएक सुखद अनुभव रहा। यह एक अलगतरह की साइट थीजिसमें स्क्रोल करते हुए आप बेहतरीन उर्दू शेर–ओ–शायरी और गज़लेंपढ़ सकते हैं। पर जहाँ उर्दूगज़लें और शेर कईलोगों को पसंद आतेहैं, वहीं इनमेंपाए जाने वाले कुछ शब्द, समझने में बेहदकठिन होते हैं। इसलिए एक सुखद आश्चर्यहुआ जब माउस काऐरो एक शब्द परचला गया और वो शब्दउभर आया, जिसे क्लिककरते ही उस शब्दका हिन्दी और अंग्रेज़ी भाषा मेंअर्थ, उर्दू में उसेलिखने का तरीका और उसशब्द का उच्चारण तक एकपॉप अप में देखनेको मिल गया।
कई खासियतों वाली इस साइट कीशायद यह सबसे अनूठीऔर महत्वपूर्ण खासीयत है कि एकही जगह पर आप उर्दूके साहित्य से मुखातिब भी होसकते हैं और उसके अर्थऔर मर्म को बेहतर समझने के लिएआवश्यक क्लिष्ट शब्दों के अर्थ सेवाकिफ भी हो सकतेहैं। इसके अलावा बहुत जाने–माने उर्दूशायरों से लेकर कमजाने जाने वाले शायरों की रचनाओं का संग्रहतो खास है ही। यहसाइट अपने–आप मेंएक अनूठा प्रयास है जिसने दुनिया भर केलोगों के लिए उर्दूभाषा और साहित्य के दरवाज़ेखोल दिए हैं।
भारत के हिंदी–भाषी–प्रांतीय परिदृश्य में यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकिइस क्षेत्र में ना सिर्फ आम बोल–चाल की भाषा में, बल्कि प्रचलित साहित्य में और इन सबसेअधिक लोकप्रिय हिंदी सिनेमा में उर्दू के महत्व को नकारानहीं जा सकता है।दशकों से चले आरहे हिंदी गीतों में उर्दू शायरी, फिर चाहेवे फिल्मी गीत हों या फिर गैर–फिल्मी गीत जैसे कि गज़लें, हिंदी की लोकप्रिय–संस्कृतियानि पॉप्युलर–कल्चर का एकअभिन्न अंग बनी हुई है। रेख़्ता ने ना सिर्फखालिस उर्दू साहित्य को अपनी साइटमें जगह दी है, पर साथ ही लोकप्रिय गीतों में प्रयुक्तशेर–ओ–शायरी को भी अर्थ–सहित समझाया है। इसके चलते आज तक जिनपसंदीदा गीतों को कई लोगयूँ ही गुनगुनाते आ रहेथे, आज उनकेअर्थ को और गहराईसे समझकर उनका और आनंद उठापा रहे हैं।
इस साइट ने आज केऐसे समय में जब सामाजिक स्तर परसौहार्द्र में भारी कमी आई है, भाषा के माध्यम से एकसाझा संस्कृति के एहसास को पुनर्जीवितकिया है। ऐसे में उनके लिए जो नहीं जानते हैं, यह जानना और भी प्रासंगिक होगा कि रेख़्ता का अर्थ क्या है। वैसे तो इंटरनेट पर इस शब्द के अर्थ ढूंढने के कई स्त्रोत मिल जाएँगे, पर रेख़्ता की खास बात है एक वृहद शब्दकोश जिसमें कई उर्दू शब्दों के अर्थ मौजूद हैं।
रेख़्ता की साइट के अनुसार इस शब्द का अर्थ है फैला हुआ या बिखरा हुआ और इसका प्रयोग होता है उर्दू भाषा के एक पुराने रूप के संदर्भ में जो एक मिश्रित बोली के रूप में स्थापित थी। रेख़्ता ने इस शब्द के सभी अर्थों और प्रयोगों को अपनी साइट में समाहित कर लिया है। उर्दू भाषा को जिन रूपों में पेश किया गया है वे मिश्रित भी हैं और पुराने और नए समय के दौर की कृतियों के रूप में फैले हुए भी।
आज के समय और आज की संस्कृति में हिंदुस्तानी समाज और संस्कृति का हमेशा से अभिन्न अंग रह चुकी उर्दू भाषा को इस तरह से आधुनिक और तकनीकी–प्रयोगात्मक रूप में इंटरनेट की दुनिया के बाशिंदों के सामने पेश कर रेख़्ता ने आधुनिक संचार माध्यमों के लिए कला और संस्कृति के क्षेत्र में एक नया आयाम जोड़ दिया है।
-सुमित