‘अरे यायावर रहेगा याद?’- अज्ञेय का बहुआयामी यात्रा संस्मरण

1953 में प्रकाशित अज्ञेय द्वारा लिखा गया यात्रा-संस्मरण, अरे यायावर रहेगा याद? हिंदी साहित्य के इतिहास में संग्रहणीय है।  आठ अध्याय में विभाजित यह कृति एक महत्वपूर्ण दस्तावेज

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एक सड़क-दुर्घटना का समाजशास्त्र

सात दिसम्बर 2017 की रात एक दुर्घटना ने मेरे जीवन में अनेक नये अनुभव जोड़ दिए। रोज की तरह जिम

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