अज्ञेय

कला, साहित्य और संस्कृतियात्रा, खेल और फुर्सतसमीक्षा

‘अरे यायावर रहेगा याद?’- अज्ञेय का बहुआयामी यात्रा संस्मरण

1953 में प्रकाशित अज्ञेय द्वारा लिखा गया यात्रा-संस्मरण, अरे यायावर रहेगा याद? हिंदी साहित्य के इतिहास में संग्रहणीय है।  आठ अध्याय में विभाजित यह कृति एक महत्वपूर्ण दस्तावेज

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कला, साहित्य और संस्कृतिविश्लेषणसमीक्षा

अपने अपने अजनबी और वैयक्तिक यथार्थबोध

    हिन्दी साहित्य में किसी भी प्रकार के यथार्थबोध का सैद्धान्तिक विवेचन नहीं किया गया है। इसलिये यथार्थबोध को

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