पीपुल्स लाइब्रेरिया- मात्र पुस्तकालय नहीं पर एक बौद्धिक-सांस्कृतिक स्पेस

 साभार: पीपुल्स लाइब्रेरिया आगरा शहर में लगातार शुरु हो रहे नए बौद्धिक और सांस्कृतिक गतिविधियों और प्रयोगों में एक और

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जब रंगलोक ने आगरा को मंटो से मिलाया

बैकुण्ठी देवी कन्या महाविद्यालय में ‘अरे भाई मंटो!’ का मंचन आगरा में लगभग एक दशक से स्थापित हो चुके थिएटर

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'देख भाई देख'- साहित्य, समाज और प्रामाणिकता

90 के दशक के हास्य धारावाहिकों में “देख भाई देख” की एक ख़ास जगह थी। इस लेख में प्रस्तुत है

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आलोचना और पूर्वाग्रह

‘हिन्दी के चर्चित उपन्यासकार’ मिश्र की उपन्यासों और उपन्यासकारों की आलोचना का एक ही पुस्तक में समेटने का बृहद प्रयास है।

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मुज़फ़्फ़रनगर की बात चली तो… :ओमप्रकाश वाल्मीकि की आत्मकथा-“जूठन” से परिचय।

मुज़फ़्फ़रनगर पिछले कुछ दिनों बेहद गलत कारणों से चर्चा में रहा। सांप्रदायिक हिंसा और हज़ारों लोगों (खास कर अल्पसंख्यकों) के

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