विजय तेंडुलकर

कला, साहित्य और संस्कृतिनाट्यकलासमीक्षा

अंक नाट्य समूह की प्रस्तुति ‘अंजी’- एक सहज लड़की की असहज करने वाली कहानी

आगरा के सूरसदन सभागार में लोग बैठे हुए हैं। थोड़ी हलचल है। कुछ बातचीत है। सब दिनेश ठाकुर मेमोरियल नाट्य

Read More
कला, साहित्य और संस्कृतिसमीक्षा

‘पंछी ऐसे आते हैं’: रंगलोक द्वारा संजीदगी और हास्य लिए संतुलित मंचन

जहाँ बड़े शहरों में नाटकों का मंचन वाणिज्यिक और गैर-वाणिज्यिक रूप से निरन्तर होता रहता है, वहीं छोटे शहरों में

Read More