धर्म, सत्ता और समाज के अंतर्संबंधों पर प्रकाश डालता नाटक ‘कबीरा खड़ा बाज़ार में’
आम तौर पर कबीरदास का परिचय 15वीं शताब्दी में चले भक्ति आंदोलन के एक प्रमुख कवि और रचनाकार के रूप
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Read moreलियो टॉल्सटॉय के साहित्य में ज़ारशाही के समय के रूस में फैली बदहाली और मुफलिसी और उससे पीड़ित और परेशान
Read moreकहते हैं कि किसी भी चीज की अति बुरी होती है। पर हर नियम के कुछ अपवाद होते हैं। फार्स
Read moreआगरा के सूरसदन सभागार में लोग बैठे हुए हैं। थोड़ी हलचल है। कुछ बातचीत है। सब दिनेश ठाकुर मेमोरियल नाट्य
Read moreआधुनिक मुख्य-धारा मनोरंजन और कलात्मक अभिव्यक्ति के संसार से ग्रामीण परिवेश गायब होता जा रहा है, इस बात से शायद
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